लाज़िम है सोज़-ए-इश्क़ का शो'ला अयाँ न हो By Sher << बहार हो कि मौज-ए-मय कि तब... लब-ए-निगार को ज़हमत न दो ... >> लाज़िम है सोज़-ए-इश्क़ का शो'ला अयाँ न हो जल बुझिए इस तरह से कि मुतलक़ धुआँ न हो Share on: