रात सितारों वाली थी और धूप भरा था दिन By Sher << रोज़ आसेब आते जाते हैं मैं ज़ख़्म खा के गिरा था ... >> रात सितारों वाली थी और धूप भरा था दिन जब तक आँखें देख रही थीं मंज़र अच्छे थे Share on: