रोज़ आसेब आते जाते हैं By Sher << शजर से बिछड़ा हुआ बर्ग-ए-... रात सितारों वाली थी और धू... >> रोज़ आसेब आते जाते हैं ऐसा क्या है ग़रीब-ख़ाने में Share on: