शागिर्द-ए-रशीद आप सा हूँ शैख़-जी साहिब By Sher << लबों पे जान है इक दम का औ... शांति की दुकानें खोली हैं >> शागिर्द-ए-रशीद आप सा हूँ शैख़-जी साहिब कुछ इल्म ओ अमल तुम ने न शैतान में छोड़ा Share on: