शायद जड़ों के ज़हर ने शाख़ों को छू लिया By Sher << कहीं शेर ओ नग़्मा बन के क... मय-कदे को जा के देख आऊँ य... >> शायद जड़ों के ज़हर ने शाख़ों को छू लिया उड़ता हुआ शजर से परिंदा दिखाई दे Share on: