सूप के दाने कबूतर चुग रहा था और वो By Sher << क़सम ही नहीं है फ़क़त इस ... बुलंदी के लिए बस अपनी ही ... >> सूप के दाने कबूतर चुग रहा था और वो सेहन को महका रही थी सुन्नतें पढ़ते हुए Share on: