सुब्ह तक वो भी न छोड़ी तू ने ऐ बाद-ए-सबा By Sher << हमारे घर के क़रीब एक झील ... उन्हें यक़ीं कि कोई रंज-ओ... >> सुब्ह तक वो भी न छोड़ी तू ने ऐ बाद-ए-सबा यादगार-ए-रौनक़-ए-महफ़िल थी परवाने की ख़ाक Share on: