सुन के रूदाद-ए-अलम मेरी वो हँस कर बोले By Sher << ज़मीर ओ ज़ेहन में इक सर्द... कुछ अब के धूप का ऐसा मिज़... >> सुन के रूदाद-ए-अलम मेरी वो हँस कर बोले और भी कोई फ़साना है तुम्हें याद कि बस Share on: