सुना है अर्श-ए-इलाही इसी को कहते हैं By Sher << हमें तो याद नहीं कोई लम्ह... तू परिंदों की तरह उड़ने क... >> सुना है अर्श-ए-इलाही इसी को कहते हैं तवाफ़-ए-काबा-ए-दिल हम ने सुब्ह-ओ-शाम किया Share on: