ता-क़यामत ज़िक्र से रौशन रहेगी ये ज़मीं By Sher << इंसान हो किसी भी सदी का क... क्यूँ सकीना और ज़ैनब इस क... >> ता-क़यामत ज़िक्र से रौशन रहेगी ये ज़मीं ज़ुल्मतों की शाम में इक रौशनी है कर्बला Share on: