तख़लीक़-ए-काएनात के दिलचस्प जुर्म पर By Sher << ये चाहा था कि पत्थर बन के... पूछा न जाएगा जो वतन से नि... >> तख़लीक़-ए-काएनात के दिलचस्प जुर्म पर हँसता तो होगा आप भी यज़्दाँ कभी कभी Share on: