तनख़्वाह एक बोसा है तिस पर ये हुज्जतें By Sher << ऐ फ़लक तुझ को क़सम है मिर... तिरे नज़दीक आ कर सोचता हू... >> तनख़्वाह एक बोसा है तिस पर ये हुज्जतें है ना-दहिंद आप की सरकार बे-तरह Share on: