तरब-ज़ारों पे क्या गुज़री सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री By Sher << खड़ा हूँ ज़ेर-ए-फ़लक गुम्... मिरा घर तेरी मंज़िल गाह ह... >> तरब-ज़ारों पे क्या गुज़री सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री दिल-ए-ज़िंदा मिरे मरहूम अरमानों पे क्या गुज़री Share on: