तेरी फ़य्याज़ी के थे चर्चे बहुत मैं ने सुने By Sher << शाम के साए में जैसे पेड़ ... बोली लगी मता-ए-हुनर की तो... >> तेरी फ़य्याज़ी के थे चर्चे बहुत मैं ने सुने फिर भी तेरे मय-कदे से तिश्ना-काम आया हूँ मैं Share on: