थक के यूँ पिछले पहर सौ गया मेरा एहसास By Sher << किन किन की आत्माएँ पहाड़ो... अभी बाक़ी हैं पत्तों पर ज... >> थक के यूँ पिछले पहर सौ गया मेरा एहसास रात भर शहर में आवारा फिरा हो जैसे Share on: