तुम ने हर ज़र्रे में बरपा कर दिया तूफ़ान-ए-शौक़ By Sher << बदन के शहर में आबाद इक दर... मुझी को पर्दा-ए-हस्ती में... >> तुम ने हर ज़र्रे में बरपा कर दिया तूफ़ान-ए-शौक़ इक तबस्सुम इस क़दर जल्वों की तुग़्यानी के साथ Share on: