उस ने आ कर हाथ माथे पर रखा By Sher << ज़मीनें तंग हुई जा रही है... 'तलब' बड़ी ही अज़... >> उस ने आ कर हाथ माथे पर रखा और मिनटों में बुख़ार उड़ता हुआ Share on: