उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में By Sher << मेरे बग़ल में रह के मुझी ... ये माना शीशा-ए-दिल रौनक़-... >> उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए Share on: