उस ने हाथों की लकीरों से बग़ावत की थी By Sher << यूँ तो क़दम क़दम पे ख़ुदा... उस 'क़मर' को है ख... >> उस ने हाथों की लकीरों से बग़ावत की थी अब जहाँ होगा मिरी तरह वो तन्हा होगा Share on: