उठा दिया तो है लंगर हवा के झोंकों में By Sher << वफ़ा कैसी कहाँ का इश्क़ ज... किस ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम क... >> उठा दिया तो है लंगर हवा के झोंकों में किधर सफ़ीना है साहिल कहाँ नहीं मालूम Share on: