वहम ही वहम में अपनी हुई औक़ात बसर By Sher << बिंत-ए-हव्वा हूँ मैं ये म... ज़बाँ पे शिकवा-ए-बे-मेहरी... >> वहम ही वहम में अपनी हुई औक़ात बसर कमर-ए-यार को भूले तो दहन याद आया Share on: