वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी By Sher << देर तक मिल के रोते रहे रा... तेरी सूरत निगाहों में फिर... >> वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी Share on: