वो पास हो के दूर है तो दूर हो के पास By Sher << यही सोच कर इक्तिफ़ा चार पर... रुत बदली तो ज़मीं के चेहर... >> वो पास हो के दूर है तो दूर हो के पास फ़िराक़ और विसाल हैं अजीब अजीब से Share on: