वो सुब्ह को इस डर से नहीं बाम पर आता By Sher << मैं ने चाहा था कि अश्कों ... फ़ज़ा तबस्सुम-ए-सुब्ह-ए-ब... >> वो सुब्ह को इस डर से नहीं बाम पर आता नामा न कोई बाँध दे सूरज की किरन में Share on: