या अब्र-ए-करम बन के बरस ख़ुश्क ज़मीं पर By Sher << का'बे की सम्त सज्दा क... मैं ने चाहा है तुझे आम से... >> या अब्र-ए-करम बन के बरस ख़ुश्क ज़मीं पर या प्यास के सहरा में मुझे जीना सिखा दे Share on: