याद-ए-फ़रोग़-ए-दस्त-ए-हिनाई न पूछिए By Sher << ये सानेहा भी बड़ा अजब है ... वो कम-सिनी में भी 'अख... >> याद-ए-फ़रोग़-ए-दस्त-ए-हिनाई न पूछिए हर ज़ख़्म-ए-दिल को रश्क-ए-नमक-दाँ बना दिया Share on: