यादों के दरख़्तों की हसीं छाँव में जैसे By Sher << ज़िंदगानी के हसीं शहर में... याद-ए-माज़ी की पुर-असरार ... >> यादों के दरख़्तों की हसीं छाँव में जैसे आता है कोई शख़्स बहुत दूर से चल के Share on: