हम ने पाई है उन अशआर पे भी दाद 'ज़ुबैर' By Sher << इधर उधर से मुक़ाबिल को यू... हाए ये अपनी सादा-मिज़ाजी ... >> हम ने पाई है उन अशआर पे भी दाद 'ज़ुबैर' जिन में उस शोख़ की तारीफ़ के पहलू भी नहीं Share on: