चली है मौज में काग़ज़ की कश्ती अन्य << गुलों में रंग भरे बाद-ए-न... तुम्हारे ख़त में नया एक स... >> चली है मौज में काग़ज़ की कश्तीउसे दरिया का अंदाज़ा नहीं है! Share on: