दिल की बेताबी नहीं ठहरने देती है मुझे अन्य << सच के हक़ में खड़ा हुआ जा... रिश्तों को जेबों में नहीं... >> दिल की बेताबी नहीं ठहरने देती है मुझेदिन कहीं रात कहीं सुब्ह कहीं शाम कहीं! Share on: