आँखों से छलकती मोहब्बत को यूँ अल्फ़ाज़ मिलते है बयां शायरी, अश्क << कतरे - कतरे की प्यास बुझा... रोकने की कोशिश तो बहुत की... >> आँखों से छलकती मोहब्बत को यूँ अल्फ़ाज़ मिलते है,जो गिरे आँखों से दो बुँदे वो भी तो प्यार बयां करते है! Share on: