कतरे - कतरे की प्यास बुझाई है अश्क << उभर फिर पुराना इक ग़म आ गय... आँखों से छलकती मोहब्बत को... >> कतरे - कतरे की प्यास बुझाई हैहमने आँख सहरा में भी बरसाई है! Share on: