आँखों में बस के दिल में समा कर चले गयेख़्वाबिदा ज़िन्दगी थी जगा कर चले गयेरग-रग में इस तरह वो समा कर चले गयेजैसे मुझ ही को मुझसे चुराकर चले गयेआये थे दिल की प्यास बुझाने के वास्तेइक आग सी वो और लगा कर चले गयेलब थरथरा के रह गये लेकिन वो ऐ "ज़िगर"जाते हुये निगाह मिलाकर चले गये