तुम ही नहीं हो फ़कत बेक़रार हम भी हैं Admin बेक़रार शायरी, इश्क << सांस रुक जाए मगर आंखें कभ... नजले की शिकायत है मुझे उन... >> तुम ही नहीं हो फ़कत बेक़रार हम भी हैंकुदुरतों के यहाँ पर शिकार हम भी हैंये और बात के ख़ुद को भुला दिया हमनेमगर रहे तो कभी ताज़दार हम भी हैं Share on: