दर्द ही इश्क की हकीकत है मौत से इश्क को मुहब्बत है अब्र आवारा चांद क्यूं पाए रोनेवालों Admin नफरत पर शायरी, ग़ज़ल << तुम्हें याद करने को तरस स... एक खामोश मुसाफिर सा कोई छ... >> दर्द ही इश्क की हकीकत हैमौत से इश्क को मुहब्बत हैअब्र आवारा चांद क्यूं पाएरोनेवालों की यही किस्मत हैये जमाना तो मेरा दुश्मन हैऔर जमाने से मुझे नफरत हैकैसे भूलूं मैं जिंदगी में तुझेमेरी तन्हाई की तू जरूरत है Share on: