प्यार के पहले बीत गया सफर मंजिल से पहले रुठ गया हमसफ़र अदाओ को समझ नहीं पाए

प्यार के पहले बीत गया सफर
मंजिल से पहले रुठ गया हमसफ़र
अदाओ को समझ नहीं पाए थे अभी
वफ़ा की बात एक गयी
अभी तो सर उठाये थे इस सुनहरी धुप में
अभी रात आ गयी
अभी तो खुमार छाया था इकरार का
अभी तो सुरु हुआ था सिलसिला प्यार का
अभी मैंने खाई थी कसम .....
अभी आया था मौसम बहार का
न जाने क्यों ???????????
मेरा सनम क्यो रूठा...........
शायद मेरे ही हाथ ढीले थे, तभी तो उनका हाथ छूटा साथ छुटा

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