ये हुनर आते आते आया है अब तो खुद में ढल रहा हूँ मैं हो असर या Admin बाजार पर शायरी, दर्द << इन तुजुर्बो ने ये सिखाया ... तुम अपने झूठ को कितने दिन... >> ये हुनर आते आते आया हैअब तो खुद में ढल रहा हूँ मैंहो असर या न हो किसे परवाहकाम सजदा मेरा दुआ हूँ मैं.कैसे बाजार में गुजर होगीबस यही सोचकर बिका हूँ मैं Share on: