जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है Admin बेवफा शायरी पिक, बेवफ़ाई << कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार ... वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्... >> जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है,सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है,जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो,काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है… Share on: