ऐ ज़ौक़ देख दुख़्तर-ए-रज़ को न मुँह लगा Admin छुट्टी शायरी, शराब << बैठे हैं दिल में ये अरमां... आता है जी में साक़ी-ए-मह-... >> ऐ ज़ौक़ देख दुख़्तर-ए-रज़ को न मुँह लगा,छुटती नहीं है मुँह से ये काफ़र लगी हुई। Share on: