ज़फ़र भौंचक्का बैठा था। आयशा ने िसवय्यों का प्याला हाथ में देते हुए पूछा, ‘‘फिर क्या कहा मैडम ने?’’ ‘‘कहा कि लड़का 14-13 साल का हो। किसी अच्छे घर का हो, घरेलू काम-काज का थोड़ा-बहुत तजुर्बा हो। आँख न मिलाता हो। साफ़-सुथरा रहता हो, तनख़्वाह ज़ियादा न माँगे। नाग़ा न करे। महीने पीछे पगार और रोज़ाना तीन वक़्त का खाना भी तो मिलेगा।’’ ‘‘फिर?’’ ‘‘फिर क्या?’’
[...]