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याद-ए-माज़ी

वो 'अहद-ए-गुज़िश्ता का दिलकश फ़साना ...

abdul-qayyum-zaki-aurangabadi

ग़रीबों का ख़ुदा कोई नहीं

एक दिन थी दोपहर की सख़्त गर्मी आश्कार ...

abdul-qayyum-zaki-aurangabadi

याद भी उस की ख़्वाब की सी है

याद भी उस की ख़्वाब की सी है ...

aamir-ata

साथ लगता है संग लगता है

साथ लगता है संग लगता है ...

aamir-ata

पूरे मजमे' को लाजवाब किया

पूरे मजमे' को लाजवाब किया ...

aamir-ata

किसी के हिज्र के साए में आ खड़ा हूँ मैं

किसी के हिज्र के साए में आ खड़ा हूँ मैं ...

aamir-ata

कहीं पैदा कोई मजनूँ कहीं फ़रहाद करते हैं

कहीं पैदा कोई मजनूँ कहीं फ़रहाद करते हैं ...

aamir-ata

बे-हिजाबाना वो कल जब बर-सर-ए-महफ़िल गए

बे-हिजाबाना वो कल जब बर-सर-ए-महफ़िल गए ...

aamir-ata

शाम होते ही ठिकाने पे भी आ सकता है

शाम होते ही ठिकाने पे भी आ सकता है ...

aadarsh-dubey

मुश्किल को उस ने सब की आसान कर दिया है

मुश्किल को उस ने सब की आसान कर दिया है ...

aadarsh-dubey

मुझे ये डर है कि अब बस यही न कर बैठूँ

मुझे ये डर है कि अब बस यही न कर बैठूँ ...

aadarsh-dubey

गुनाह अपने गिनाता हूँ डरने लगता हूँ

गुनाह अपने गिनाता हूँ डरने लगता हूँ ...

aadarsh-dubey

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ ...

mirza-ghalib

कोई उम्मीद बर नहीं आती

कोई उम्मीद बर नहीं आती ...

mirza-ghalib

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है ...

mirza-ghalib

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे ...

mirza-ghalib

अगर ये कह दो बग़ैर मेरे नहीं गुज़ारा तो मैं तुम्हारा

अगर ये कह दो बग़ैर मेरे नहीं गुज़ारा तो मैं तुम्हारा ...

amir-ameer

अपने हर हर लफ़्ज़ का ख़ुद आइना हो जाऊँगा

अपने हर हर लफ़्ज़ का ख़ुद आइना हो जाऊँगा ...

waseem-barelvi

ताजमहल की ये कहानी, अनगिनत रोमांस से भरी,

ताजमहल की ये कहानी, अनगिनत रोमांस से भरी, मोमबत्ती की रौशनी में, जलते हैं इश्क के दीवाने। प्रेम का बयान करते, मर्मस्पर्शी मोमबत्तियों के रंग, ताजमहल ...

Unknown

शातिर की बीवी

(1) ...

मिर्ज़ा-अज़ीम-बेग़-चुग़ताई
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