आलाम-ए-मोहब्बत से जी छूट गए होंगे By Ghazal << आफ़त-ए-जाँ उस परी से दिल ... ऐसा दिखा है हम को नज़ारा ... >> आलाम-ए-मोहब्बत से जी छूट गए होंगे मालूम नहीं कितने दिल टूट गए होंगे यारान-ए-वफ़ा-पेशा जो छोड़ चुके दुनिया इस कशमकश-ए-ग़म से तो छूट गए होंगे Share on: