ऐसा दिखा है हम को नज़ारा कई दफ़ा उस ने किया है हम से किनारा कई दफ़ा हर बार मुश्किलों ने सताया मुझे मगर माँ ने दिया है मुझ को सहारा कई दफ़ा एक बार मार देते तो क़िस्सा तमाम था पर उस ने मुझ को हिज्र में मारा कई दफ़ा इक बार भी पलट के न देखा मिरी तरफ़ चिल्ला के हम ने उन को पुकारा कई दफ़ा इक बार देखने से कहाँ भर रहा है दिल उन से कहो कि देखें दोबारा कई दफ़ा आँसू फ़िराक़ दर्द-ए-जिगर बे-क़रारियाँ उन के लिए किए हैं गवारा कई दफ़ा 'हैदर' की ज़िंदगी को मयस्सर सहर नहीं होने को हो रहा है सवेरा कई दफ़ा