आँखों में इंसान बसाए जा सकते हैं दिल पर यूँ एहसान जताए जा सकते हैं इश्क़-नगर में बस निय्यत देखी जाती है काग़ज़ के गुल-दान बनाए जा सकते हैं चाँदनी रात में मद्धम सूरज उग सकता है सोचों पर बोहतान लगाए जा सकते हैं जन्मों की ख़ामोशी जब जब बोलना चाहे दीवारों के कान बनाए जा सकते हैं सुना है 'हारिस' होंटों के अमृत-रस में भी ज़हर-भरे पैकान मिलाए जा सकते हैं