आओ जो टूटे हुए ख़्वाब हैं तक़्सीम करें जिस की क़िस्मत में जो गिर्दाब हैं तक़्सीम करें तुम मिरे नाम पे जी लेना मैं तुम पर मर कर जीने मरने के जो आदाब हैं तक़्सीम करें ख़ुश्क आँखों में जो मुरझा गए उन की कलियाँ आस के फूल जो शादाब हैं तक़्सीम करें वो निगाहें भी जो नमनाक थीं वक़्त-ए-रुख़्सत मुंतज़िर और जो बे-आब हैं तक़्सीम करें दस्त-ए-हालात पे मक्तूब सजा कर सारे अहद-ए-माज़ी के हसीं बाब हैं तक़्सीम करें