आप आए तो दिलकशी आई By Ghazal << दर्द जितने हैं वही बाइ... ज़िंदगी रास्ते बदल रही है >> आप आए तो दिलकशी आई लब पे गुलशन के भी हँसी आई तुम से पहले यहाँ अंधेरा था तुम जो आए तो रौशनी आई डूब जातीं हयात की नब्ज़ें उन के आने से ज़िंदगी आई सारे आलम का बख़्त रौशन है मेरी क़िस्मत में तीरगी आई देख कर मुझ को आज क्यों 'असलम' ज़िंदगी रूठ कर चली आई Share on: