आप और आप का असर दोनों कर गए हम को दर-ब-दर दोनों दोनों तन्हाइयों के मारे थे इस लिए भी हैं हम-सफ़र दोनों एक बिस्तर है बीच में तकिया कैसे सोएँगे रात भर दोनों बात बढ़ने की ये वजह भी थी बात करते थे मुख़्तसर दोनों आप आए भी और चले भी गए झूठ लगती हैं ये ख़बर दोनों इश्क़ से लोग बे-ख़बर रहते साथ मरते नहीं अगर दोनों एक बच्ची ग़रीब और अन-पढ़ इस परी के नहीं हैं पर दोनों दो गुनी कर रहे थे ख़ुशियों को एक दूजे को बाँट कर दोनों कैसे मुँह को फुलाए बैठे हैं एक-दूजे की बात पर दोनों बंद करते ही आँख आने लगे एक-दूजे को अब नज़र दोनों