आप के रुख़्सार अंगारे नज़र आने लगे अश्क भी टूटे हुए तारे नज़र आने लगे लाला-ओ-गुल हैं यक़ीनन ख़ून-ए-नाहक़ की दलील जिस तरफ़ देखो जिगर-पारे नज़र आने लगे कल मुझे काँटों से नफ़रत गुल से उल्फ़त थी मगर आज काँटे भी मुझे प्यारे नज़र आने लगे उन के रौशन दिल से मेरा दिल मुनव्वर हो गया इस लिए ऐब-ओ-हुनर सारे नज़र आने लगे आ रहा है इस तरफ़ शायद कोई सीमीं बदन क्यों कि अब पुर-कैफ़ नज़्ज़ारे नज़र आने लगे वो भी हैराँ हो गए अश्क-ए-मुसलसल से मिरे ख़ून के जब उन को फ़व्वारे नज़र आने लगे बहर-ए-ज़ुल्मत पर ज़िया होने को है 'ख़ाकी' तभी तीरगी में नूर के धारे नज़र आने लगे