आप की हद तलाश करते हैं अपना दिल पाश-पाश करते हैं पत्थरों को तराश कर क्यों लोग देवता को तलाश करते हैं शम्अ की लौ में कुछ कमी है क्या क्यों पतंगे निराश करते हैं जानते हैं न वक़्त लौटेगा फिर भी हम काश काश करते हैं हम तो लूडो ही खेलते हैं जनाब आप क्यों ताश ताश करते हैं शहर में पत्थरों के मुद्दत से आइने हम तलाश करते हैं आने वाला है कोई फागुन सा आइए घर पलाश करते हैं