ऐब औरों में गिन रहा है वो उस को लगता है यूँ ख़ुदा है वो मेरी तदबीर को किनारे रख मेरी तक़दीर लिख रहा है वो मैं ने माँगा था उस से हक़ अपना बस इसी बात पर ख़फ़ा है वो पत्थरों के शहर में ज़िंदा है लोग कहते हैं आइना है वो उस की वो ख़ामुशी बताती है मेरे दुश्मन से जा मिला है वो